वैसे तो सावन का महीना शुरू हो गया है और यह महीना शिव जी को यह महीना अत्याधिक प्रिय है. सावन मास आते ही शिव भक्तों में एक अलग सा उत्साह नजर आने लगता है. वैसे बता दें कि शिव जी को स्वंभू माना गया है क्योंकि कहते है कि शिव जी का जन्म नहीं हुआ है. वो अनादि काल से इस सृष्टि में वास करते है. हिन्दू धर्म में सभी देवी देवताओं में सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले एक भगवान शिव जी है. जोकि देवों के देव महादेव से पूरे विश्व में विख्यात है. दुनियाभर में भगवान शिव के करोड़ों भक्त हैं, जो उनमें अपनी आस्था और विश्वास करते हैं. भक्तों का मानना है कि शिव जी की पूजा करने से उनकी सारी प्रार्थना स्वीकार तो पूरी भी करते है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बताने जा रहे हैं, जो की एक अंग्रेज शिव भक्त था और वो भगवान शिव के प्रति सच्ची श्रद्धा और आस्था रखता था. उसका कहना है था कि उसे एक बार खुद भगवान शिव उसकी जान बचाने के लिए अफगानिस्तान आये. यह कहानी आपको बेहद ही हैरतंगेज कर देगी.
आपको बता दें कि साल 1879 की बात है. एक अंग्रेज अफसर यानी लेफ्टिनेंट कर्नल सी. मार्टिन उस समय के मध्य भारत के आगर-मालवा यानी मध्य प्रदेश के इलाके में तैनात था. उस समय अंग्रेज और अफगानों के साथ लड़ाई चल रहा था. 1879 में ही लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन को सेना को देखने गए के लिए अफगानिस्तान भेज दिया. क्योंकि उस समय पत्र के अलावा संदेश भेजने का दूसरा कोई साधन नहीं था, इसलिए कर्नल मार्टिन भी मालवा में मौजूद अपनी पत्नी को रोजाना पत्र लिखते थे और बताते थे कि वो ठीक हैं.
कई महीनों तक तो सबकुछ ठीक रहा, लेकिन इसके बाद कर्नल मार्टिन के पत्र आने बंद हो गए, जिसके बाद उनकी पत्नी भी परेशान हो गईं. कर्नल मार्टिन का कुछ पता नहीं चल रहा था कि आखिर वो सुरक्षित हैं या युद्ध में मारे गए. एक दिन उनकी पत्नी परेशान होकर कहीं जा रही थीं, तभी रास्ते में उन्हें भगवान शिव का एक मंदिर मिला और वो उस मंदिर के अंदर चली गईं. उस समय मंदिर में भगवान शिव की आरती चल रही थी. इस दौरान पूछने पर मंदिर के पुजारी ने बताया कि ये भगवान शिव हैं और इनके लिए कुछ भी असंभव नहीं है, वो जो चाहें वो कर सकते हैं. भगवान शिव की महिमा जानने के बाद कर्नल मार्टिन की पत्नी ने भोलेनाथ से अपने पति की रक्षा करने की प्रार्थना की और 11 दिनों का एक अनुष्ठान भी करवाया. ठीक 11वें दिन एक चमत्कार हुआ और उनके पति यानी कर्नल मार्टिन का पत्र आया, जिसमें उन्होंने एक बेहद ही अजीबोगरीब और चमत्कारिक घटना के बारे में बताया.
कर्नल मार्टिन ने बताया कि हमारी सेना को अफगानों ने घेर लिया था, कई सैनिक शहीद हो गए थे, बचने के आसार नजर नहीं आ रहे थे. इसलिए मैंने आंखें बंद की और भगवान को याद किया. तभी युद्धभूमि में न जाने कहां से एक व्यक्ति आया जोकि किसी योगी की तरह लग रहा था. उसके लंबे-लंबे बाल थे, उसने अपने हाथ में एक त्रिशूल लिया हुआ था. उसे देखते ही अफगानी सैनिक तुरंत वहां से भाग खड़े हुए. इस तरह कर्नल मार्टिन की जान बची और उसके बाद वह अपने घर अपनी पत्नी के पास आए. जिसके बाद दोनों पति-पत्नी एक साथ वापस इंग्लैंड चले गए कि वे इंग्लैंड में अपने घर में भगवान शिव की पूजा करेंगे.