दिव्य मुहूर्त – हर रोज़ का महा दिव्य समय, जब होगी पूर्ण हर मनोकामना

जब भी हम  किसी कार्य की शुरुआत करने के बारे में सोचते हैं तो समय और परिस्थितियों का आकलन करते हैं. देखते हैं कि माहौल के अनुसार अमूक काम करना ठीक रहेगा या नहीं. जिस उद्देश्य के साथ काम को अंजाम दिया जा रहा है, उसे हासिल करने में सफलता मिलेगी या नहीं  क्योंकि कौन नहीं चाहता कि जो भी काम वह करे उसमें सफलता हासिल हो और उसके सकारात्मक परिणाम मिले |शुभ मुहूर्त भी कुछ ऐसा ही है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रहों की चाल हमारे हर अच्छे-बूरे निर्णय को प्रभावित करती है. कई बार आप अच्छे के लिये कोई शुरुआत करते हैं लेकिन उसके परिणाम नकारात्मक मिलते हैं. ज्योतिष शास्त्र इस सबके पिछे ग्रहों का अनुकूल न होना मानता है. इसलिये ज्योतिषाचार्य किसी भी कार्य को शुभ मुहूर्त में करने की सलाह देते हैं

 

ज्योतिष शास्त्रिय दृष्टि से आकलन करने पर शुभ मुहूर्त के बारे में कहा जा सकता है कि शुभ मुहूर्त किसी भी मांगलिक कार्य को शुरु करने का ऐसा शुभ समय होता है, जिसमें तमाम ग्रह और नक्षत्र शुभ परिणाम देने वाले होते हैं. इस समय में कार्यारंभ करने से लक्ष्यों को हासिल करने में सफलता मिलती है और काम में लगने वाली अड़चने दूर होती हैं. वैसे तो शुभ मुहूर्त कार्य की प्रकृति और कार्यारंभ करने वाले जातक की कुंडली में ग्रहों की दशा के अनुसार ही तय होता है लेकिन रोजर्मरा के जीवन में प्रतिदिन कुछ ऐसे शुभ-अशुभ मुहूर्त होते हैं जिनकी जानकारी के बाद हर दिन, हर कार्य के लिये ज्योतिषीय परामर्श की आवश्यकता नहीं पड़ती. आज हम आपको ऐसे ही 24 घंटे के शुभ मुहूर्त का समय बताएँगे जिसमे आपकी हर समस्या का निवारण हो जायेगा और इस मुहूर्त को दिव्या मुहूर्त भी कहा जाता है

 

तुरीय बेला रत 11 से 1 बजे तक के समय को होता है जब प्रकृति अपनी शक्तियों को जागृत करती है और इस समय अगर हम जागते है और अपने जीवन का कोई विशेष कार्य करते हैं तो उसमे निश्चित सफलता हासिल होती है |अप आपको लग रहा होगा की की ये तो हर कोई कर लेगा लेकिन ऐसा नहीं है जिसके मुक्कदर में होगा वही कर पायेगा क्योकि अगर आज आपने हमारा ये पोस्ट नहीं पढ़ा होता तो शायद आप इस शुभ मुहूर्त के विषय में नहीं जान पाते इसीलिए जीवन में कुछ भी घटित होता है तो उसमे मुकद्दर एक अहम् भूमिका निभाती है इसीलिए हर कोई इस शुभ मुहूर्त के बारे में नहीं जान सकता और आगे जानेगा नहीं तो करेगा नहीं

 

इसीलिए रात के 11 से 1 बजे के बीच की जो बेला होती है उस समय प्रकृति खुद को रिएनेरजाइज करती है बस उसी वक्त प्रकृति की एनर्जी में संध लगा के घुस जाना है और खुद को इनरजाइज  कर लेना हैअगर आप अपने जीवन में  लाभ चाहते है शुभता चाहते है तो रात के इस शुभ मुहूर्त में ये एक उपाय कर लेना चाहिए इसके लिए  आप अपनी समस्या एक सादे कागज पर लाल रंग के कलम से लिखिए और उसपे हल्दी का छिडकाव करके उस कागज को फोल्ड कर के कपूर से उस कागज को जला दीजिये और उस कागज की राख का तिलक अपने मस्तक पर लगा लीजिये  और ऐसा आपको रात के 11 से 1 बजे की शुभ बेला में पूरे सात दिन तक करना है |और इसके बाद जो सफलता आपके जीवन में मिलेगी वो आप हमे कमेंट करके जरुर बताइयेगा