भारतीय संस्कृति के अनुसार जब भी हमारे घर में कोई पूजा पाठ होता है या मंदिर में जब पूजा खत्म होती है, तो हमारे हाथो पर एक लाल धागा बाँधा जाता है. जिसे मौली या कलावा कहते है. गौरतलब है, कि हिन्दू धर्म में कलाई पर कलावा बाँधने का रिवाज काफी युगो से प्रचलित है. बता दे कि कलावा बांधने के धार्मिक कारण ही नहीं बल्कि कई वैज्ञानिक कारण भी है.
दरअसल विज्ञानं के अनुसार इसे बांधने से वात, पित्त और कफ का संतुलन बना रहता है. इसके इलावा ब्लड प्रेशर, लकवा, डाइबिटीज और हार्ट अटैक जैसे रोगो से बचने के लिए भी कलावा बांधना उचित है. वही धार्मिक मान्यता के अनुसार यदि आप काफी समय से कोई संकट झेल रहे है, तो हनुमान जी के मंदिर जाकर वहां पूजा करने के बाद पंडित जी द्वारा अपने हाथो में कलावा बंधवा लीजिये. इसके बाद हनुमान जी के दाए पैर का थोड़ा सा सिंदूर लेकर उसे कलावा पर लगा लीजिये. बता दे कि ऐसा करने से आपके सारे संकट खत्म हो जायेंगे.
इसके इलावा यदि आपके घर में कोई कलेश, मन मुटाव, रोग या दुःख का समय चल रहा हो तो हनुमान जी के मंदिर जाकर पूजा करके एक कलावा घर ले आईये और इसे घर के मुख्य द्वार पर बाँध दीजिये. इससे घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश नहीं होगा और आपके घर की सुख समृद्धि भी बनी रहेगी.