दोस्तों हमारे हिन्दू धर्म में वास्तु को बहुत अधिक महत्व दिया जाता हैं. ऐसा कहा जाता हैं कि आप जिस घर में निवास करते हैं वहां का वास्तु बिलकुल सही होना चाहिए. यदि एक बार आपके घर में वास्तु दोष हो जाता हैं तो कई तरह की परेशानियाँ आने लगती हैं. ज्योतिष शास्त्र की माने तो वास्तु दोष होने की वजह से घर में आर्थिक तंगी, खराब स्वास्थ, लड़ाई झगड़े, बुरी किस्मत इत्यादि समस्याएं पैदा हो जाती हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको इस वास्तु दोष को ख़त्म करने का एक ऐसा उपाय बताने जा रहे हैं जिसके प्रयोग से आपके घर कभी कोई वास्तु दोष नहीं होगा. साथ ही इस उपाय से आपको धन लाभ, अच्छा स्वास्थ और कमाल का भाग्य जैसे फायदे भी होंगे.
आमतौर पर इस उपाय को आपको तब करना होता हैं जब आप किसी प्लाट पर अपने मकान का काम शुरू करने वाले होते हैं. लेकिन यदि आप ने पहले से ही कोई मकान ले रखा हैं या कोई रेडीमेट फ्लैट लिया हैं तो वहां भी आप इस उपाय को कर वास्तु दोष को दूर कर सकते हैं. इन दोनों परिस्थितियों में ये उपाय थोड़ा सा बदल जाता हैं जिसके बारे में हम आपको विस्तार से बताएंगे.
तांबे के लौटे का ये उपाय दूर करेगा हर तरह का वास्तु दोष
इस उपाय को करने के लिए हमें एक तांबे का लौटा चाहिए होगा. इस बात का ध्यान रहे की लौटे में कोई भी छेद नहीं होना चाहिए. इस तांबे के लौटे में हम कुछ सामग्रियां भरेंगे जो इस प्रकार हैं. हनुमान जी के चरणों का थोड़ा सा सिन्दूर, एक नाग नागिन का चांदी का जोड़ा, चांदी की एक जोड़ी पादुकाएं, लोहे के तार से बनी त्रिशूल की आकृति. ये सारी चीजें आप सुनार से बनवा सकते हैं. वैसे कुछ सुनार इन चीजों को बना बनाया भी बेचते हैं. इसके अतिरिक हमें चाहिए हल्दी की एक गाठ. इस बात का ध्यान रहे कि ये गाठ कहीं से भी खंडित ना हो. साथ ही तांबे के सिक्के या पूजा पाठ में रखे जाने वाले सिक्के भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं.
इन सभी सामग्रियों को लौटे के अन्दर स्थापित कर इसे गंगाजल से भर दीजिए. अब इस लौटे के ढक्कन को इस पर इस प्रकार रखिए कि उसका उठा हुआ भाग ऊपर की तरफ रहे. इसके बाद इस लौटे को सील कर दीजिए. आप ये दूकान में करवा सकते हैं. या फिर आटे की सहायता से भी इसे सील किया जा सकता हैं. अब इस लौटे को जहाँ भी आपके मकान का मुख्यद्वार हैं उसके दाहिने ओर एक गड्डा खोद के स्थापित किया जाएगा. ऐसा करने से पहले उस गड्डे में गंगाजल या नारियल का पानी छिड़क दे. अब अशोक के पत्ते लेकर उसे 8 हिस्से में काट के चक्र बना ले और इस पत्तों के चक्र के ऊपर ही कलश को स्थापित करे. इसके बाद इसके ऊपर मिट्टी डाल के सीमेंट से प्लेन करवा दे. इस कलश स्थापना को चैत्र माह में स्थापित करना सबसे शुभ माना जाता हैं. या फिर आप इसे साल के किसी भी मंगलवार ओ स्थापित कर सकते हैं.
जिन लोगो के पास पहले से बने बनाए घर हैं और वे ये उपाय नहीं कर पाए हैं वे इस लौटे को घर के उत्तर या पश्चिम दिशा में कहीं भी स्थापित कर दे. यानी आप इसे लौटे को ऐसे ही एक स्थान पर रख सकते हैं. बस इस बात का ध्यान रखे कि लौटे के ऊपर कोई भारी सामान ना रखा हो.