केवल एक शनिवार की रात करें ये चमत्कारी उपाय, चमक जाएगी उनकी सोई हुई किस्मत

ये बात तो आप सभी जानते ही होंगे कि हिंदू धर्म में कई सारे देवी देवता है लेकिन ये भी बता दें कि हर देवी देवता के लिए एक विशेष दिन होता है। बताते चलें कि इन सभी में भगवान हनुमान के लिए सप्ताह के दो दिन है जो कि मंगलवार और शनिवार है। जी हां लेकिन इसमें विशेष शनिवार का दिन माना जाता है जो कि भगवान हनुमान जी व शनि महाराज दोनों की ही खास है। क्योंकि इस दिन आप दोनों देवताओं को आराधना, उपासना कर उन्हे प्रसन्न कर सकते हैं और यही कारण है कि ये दिन सप्ताह का सबसे बड़ा दिन माना जाता है।

कहा तो ये भी जाता है कि इस दिन आप विशेष उपाय करके दोनों ही भगवान कि कृपा पा सकते हैं। तो आज हम आपको कुछ ऐसे ही उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि रामबाण उपाय है और इसे केवल एक ही दिन यानि की शनिवार की रात में ही किया जाता है। लेकिन बता दें कि इस उपाय को करते समय एक सावधानी रखना बेहद ही ज्यादा है इतना ही नहीं इसके अलावा आपको ये भी बता दें कि इस उपाय को करते समय आपको न ही कोई देखे और ना ही कोई टोके । इस उपाय को एक बार करने के बाद दोबारा करने की जरूरत ही नहीं पडती है, इससे एक दो चार नहीं बल्की सैकड़ों मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं ।

शनिवार के दिन रात में किये जाने वाले उपाय के लिए इन सामग्रियों को इकट्ठा कर लें। बता दें कि इस उपाय को आपको शनिवार की रात में 11 बजे से 1 बजे रात के बीच में ही करना है। इसके साथ ही इस उपाय को करते समय हनुमान जी एवं शनि महाराज का ध्यान करने के साथ इनके बीज मंत्रों का जप मन ही मन किया जा सकता है।

उपाय के लिए सामग्री

7 नग आटे और गुड़ से बने गुलगुले, 7 नग मदार , थोड़ा सा सिंदूर, 7 नग अरंडी के ताजे पत्ते जो खंडित न हो, 7 नग सफेद आक के फूल, गेहूं के आटे में सिंदूर मिलाकर बना हुआ एक दीपक जिसमें सरसों का तेल और लाल नाड़े की बत्ती लगी हो ।

ऐसे करें उपाय

आपको बताते चलें कि शुक्ल पक्ष के पहले शनिवार के आटे और पुराने गुड़ को मिलाकर कुल 7 नग गुलगुले घर में ही सरसों के तेल में तल लें। इसके अलावा अरंडी के सातों पत्तो की एक पत्तल बना लें। अब सभी सातों गुलगुले उस पत्तल पर रख दें। इतना ही नहीं इसी पत्तल पर सिंदूर मिलाकर जो दीपक बनाया है उसे भी रख दें। अब जो आक के सफेद फूल है उन्हें भी उसी पत्तल पर रख दें।

इसके बाद आप इन सारे सामग्रियों को किसी एकांत जगह वाले चौराहे पर जाकर रखे देंफ फिर क्या है इसे चौराहे पर रखने के बाद पत्तल पर जो दीपक रखा है उसे जला दें। अब दोनों हाथ जोड़कर जो भी आपकी समस्या या मनोकामना हो उसके लिए प्रार्थना करें और अब उसके बाद 7 बार उस पत्तल की परिक्रमा कर लें पर ध्यान रहे इस उपाय को करने के बाद जाते समय भूलकर भी पीछे मुड़कर ना देखे, किसी के आवाज देने पर भी नहीं।

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