यूं तो लोग किन्नरों को देख दूर भागते नज़र आते हैं… वैसे तो किन्नरों को आप किसी खुशी के मौके पर जैसे कि शादी-ब्याह या फिर बच्चे का मुंडन आदि में देखते हैं। वहीं कुछ किन्नर अपनी रोजी रोटी के लिए रोड साइड कहीं गाते-बजाते हैं या फिर किसी ट्रेन में पैसे मांगते दिख जाते हैं।
जब-जब आप किन्नरों को देखते होंगे तब-तब आपके मन में भी यह सवाल ज़रूर आता होगा कि आखिर यह ऐसे क्यों होते हैं? यह कैसे रहते होंगे? किस वजह से इनका जन्म किन्नर के रूप में हुआ? इन सभी सवालों में से जिस सवाल के बारे में सबसे ज़्यादा जानने की इच्छा रहती है, वो यही रहती होगी कि आखिर इन लोगों के ऐसे पैदा होने का क्या कारण है? क्यों नहीं यह किसी लड़की या लड़के की तरह दिखते हैं।
आज वेद संसार बताने जा रहा है ज्योतिष शास्त्र में छुपे किन्नर से जुड़े कुछ तथ्य, जो इस बात को साफ कर देंगे कि किन्नर होने का कारण क्या है –
ज्योतिष शास्त्रों की मानें तो जन्मपत्री के जब आठवें घर में शुक्र और शनि मौजूद होते हैं और इन्हें गुरू, चन्द्र नहीं देख रहे होते हैं तो वह व्यक्ति नपुंसक हो सकता है।
वहीं, अगर कुंडली में जिस घर में शुक्र बैठा हुआ हो, उससे छठे या आठवें घर में शनि है, तो समझ लें कि व्यक्ति में प्रजनन क्षमता की कमी हो सकती है। इस बात का ध्यान दें कि अगर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि है… तो इस तरह की समस्या से आपका बचाव हो सकता है।
यही नहीं, अगर जन्म के समय कुंडली में शनि छठे या बारहवें घर में हो… कुंभ या मीन राशि पर हों… और ऐसे में कोई शुभ ग्रह शनि को दूर दूर तक नहीं देख रहा हो, तो व्यक्ति में प्रजनन क्षमता की कमी हो जाती है और व्यक्ति किन्नर के रूप में जन्म ले सकता है।
पापी को मिलती है किन्नर के रूप में जन्म –
आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्रों में कई और ग्रह योग भी बताए गए हैं, जिनकी वजह से व्यक्ति किन्नर के रूप में पैदा होता है। वैसे शास्त्रों की मानें तो पूर्व जन्म के पाप कर्मों के कारण भी व्यक्ति को किन्नर के रूप में जन्म लेना पड़ जाता है। शास्त्रों में इसे शाप से पाया हुआ जीवन कहा जाता है। जान लें कि अर्जुन शाप के कारण किन्नर के रूप में जन्म लिए थे और शिखंडी पूर्व जन्म के कर्मों से।
जो भी हो, हमे इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि किन्नर भी इंसान ही होते हैं… इसलिए उनसे हमेशा तहज़ीब से ही बात करनी चाहिए। भारत में जितने भी किन्नर हैं उनकी स्थिति काफी दयनीय है, जिसका एहसास भर भी हमे डराने के लिए काफी है। किन्नरों को अच्छी नज़रों से देखें और उनका सम्मान करना कभी नहीं भूले।