मास्टरजी स्कूल छोड़ जाने लगे तो फूट-फूट कर लिपट के रोने लगे स्टूडेंट्स, देखे Video

टीचर और स्टूडेंट के बीच का रिश्ता तीन प्रकार का होता हैं. पहला दोनों के बीच 36 का आकड़ा होता हैं, दूसरा दोनों को एक दुसरे से कोई ख़ास लगाव नहीं होता हैं और कौन आ रहा हैं या जा रहा हैं इस बात से भी फर्क नहीं पड़ता हैं. फिर आता हैं तीसरा रिश्ता जो आज के जमाने में बहुत कम देखने को मिलता हैं. इस तीसरे टाइप में स्टूडेंट और टीचर के बीच गहरा प्रेम होता हैं. दोनों ही एक दुसरे को अपना परिवार मानते हैं. उनकी इज्जत करते हैं. हालाँकि इस तीसरे टाइप के रिश्ते में भी जब टीचर स्टूडेंट आपस में बिछड़ते हैं तो उनकी आँखे भले ही नम हो जाती हो लेकिन फूटफूट कर कोई रोता तो बिलकुल ही नहीं हैं. अब जरा सोचिए क्या होगा जब एक शिक्षक स्कूल छोड़ जाने लगता हैं और बच्चे उनसे लिपट लिपट कर रोने लग जाते हैं. यक़ीनन यदि ऐसा होता हैं तो उस टीचर में जरूर कोई ख़ास बात होगी.

दरअसल ऐसा ही एक नजारा मिजोरम में देखने को मिला हैं. यहाँ आइजोल के सरकारी स्कूल का एक टीचर जब स्कूल छोड़ जाने लगा तो स्टूडेंट्स दहाड़ मार मार रोने लगे. कहने लगे कि “मास्टर जी हमें छोड़ कर मत जाइए. प्लीज हमारे साथ ही रहिये” दरअसल लालराम माविया नाम के इस टीचर का ट्रांसफर हो गया था जिसकी वजह से वे स्कूल छोड़ जा रहे थे. हालाँकि इस बात से उनके प्यारे स्टूडेंट्स काफी दुखी हो गए. जरा सोचिए जहां एक तरफ सरकारी स्कूल और उसमे पढ़ाने वाले टीचर्स अक्सर अपनी लापरवाही को लेकर बदनाम रहते हैं तो वहीं दूसरी और मिजोरम में इस टीचर ने बच्चों को इतने प्यार और दुलार से पढ़ाया हैं कि उनके जाने से वे रो रहे हैं.

लालराम माविया स्कूल में केमिस्ट्री और मैथ्स पढ़ाया करते थे. वे इस स्कूल में साल 1987 से पढ़ा रहे थे. ऐसे में 32 सालो के बद उन्हें स्कूल छोड़ना पढ़ रहा था. वैसे बीच में उनका एक बार और ट्रांसफर जरूर हुआ था लेकिन वे दुबारा वापस आ गए थे. बच्चों के इस प्यार और दुलार को देख मास्टरजी की आँखें भी नम हो गई. उनके लिए भी ये स्कूल छोड़ना इतना आसान नहीं था. मास्टर जी ने इस बारे में कहा कि “मेरे लिए इस स्कूल के सभी बच्चे अपने स्वयं के बच्चों जैसे हैं. मेरी बस यही तमन्ना हैं कि बाकी के टीचर्स भी इन्हें इतना ही प्यार दे.

टीचर स्टूडेंट के बीच का ये अद्भुत पल अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा हैं. हर कोई बस यही सोच रहा हैं कि काश हमारे समय भी ऐसे ही प्यार करने वाले टीचर मौजूद रहते. क्योंकि हम में से कईयों के टीचर तो ऐसे थे जिनके लिए हम नहीं रोए बल्कि उन्होंने ही हमें मार मार के रुलाया था. खैर हमारी सलाह तो यही होगी कि सभी टीचर्स को अपने स्टूडेंट्स से प्यार मोहब्बत के साथ रहन चाहिए और उनमे कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए. क्योंकि पैसा तो आप टीचिंग जॉब से कमा लेते हैं लेकिन स्टूडेंट का प्यार और उनका सम्मान आपको अपने व्यवहार और काम से कमाना पढ़ता हैं.

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