तुलसी विष्णु प्रिया हैं। कार्तिक में तो तुलसी पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। अगर कोई अपने मन की बात, भगवान को सीधे न कह सके, तो वह तुलसी के माध्यम से अपनी बात, भगवान तक पहुंचा सकता है। भगवान कृष्ण भी किसी की बात सुनें या न सुनें, लेकिन तुलसी जी की बात, हर हाल में सुनते हैं। तो अगर आपको सुख, दु:ख भगवान से शेयर करना हो तो उसके लिये पुराणों में बताई गई विधि से, तुलसी माता की पूजा करनी होगी। इसी विधि से भगवान श्रीहरि विष्णु ने भी तुलसी को प्रसन्न किया था।
अगर में चीजों के लिए शुभ-अशुभ दिशाओं का ध्यान रखा जाए तो नकारात्मकता और गरीबी से मुक्ति मिल सकती है। ज्योतिष में घर की चीजों के लिए कई नियम बताए गए हैं, इनका पालन करने पर देवी लक्ष्मी हमारे घर की ओर आकर्षित हो सकती हैं।
तुलसी का पौधा इसी प्रकार का एक छोटा पौधा है जिसके औषधीय एवं आध्यात्मिक दोनों ही महत्व हैं। प्राय: प्रत्येक हिन्दू परिवार के घर में एक तुलसी का पौधा अवश्य होता है। इसे दिव्य पौधा माना जाता है।
माना जाता है कि जिस स्थान पर तुलसी का पौधा होता है वहां भगवान विष्णु का निवास होता है। साथ ही वातावरण में रोग फैलाने वाले कीटाणुओं एवं हवा में व्याप्त विभिन्न विषाणुओं के होने की संभावना भी कम होती है। तुलसी की पत्तियों के सेवन से सर्दी, खांसी, एलर्जी आदि बीमारियां भी नष्ट होती हैं।
घर के मुख्य द्वार पर तुलसी का पौधा रखना चाहिए। सुबह-सुबह तुलसी को जल अर्पित करें। शाम को तुलसी के पास दीपक जलाएं। पूर्व या उत्तर दिशा में तुलसी लगाने से आत्म विश्वास में बढ़ोतरी होती है।
पान का पौधा, चंदन, हल्दी, नींबू आदि के पौधों को भी घर में लगाया जा सकता है। इन पौधों को पश्चिम-उत्तर के कोण में रखने से घर के सदस्यों में आपसी प्रेम बढ़ता है।
घर के मुख्य द्वार पर घर की मुख्य महिला के हाथों हल्दी में डूबकर पंजे के निशाँन बनवाये, वास्तु में इसे बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, ऐसा करने से आपके घर में हमेशा सुख और समृद्धि बनी रहती है।
घर का मुख्य द्वार पूर्व या उत्तर दिशा में हो तो श्रेष्ठ रहता है, लेकिन ऐसा न हो तो घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक, श्रीगणेश का चिह्न लगाना चाहिए।
घर में खिड़की दरवाजों की संख्या सम हो तो शुभ रहता है। सम यानी 2, 4, 6, 8 या 10. दरवाजे खिड़कियां अंदर की तरफ ही खुलना चाहिए, यह श्रेष्ठ रहता है।
घर में फालतू और बेकार सामान नहीं होना चाहिए। इस चीजों से घर में तनाव बना रहता है।
धन संबंधी लाभ चाहते हैं तो तिजोरी का मुंह उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए। धन के स्थान को सुगंधित बनाए रखना चाहिए। इसके लिए अगरबत्ती, इत्र, परफ्यूम आदि का उपयोगा किया जा सकता है।
तिजोरी के दरवाजे पर कमल के आसन पर बैठी हुई महालक्ष्मी की तस्वीर लगानी चाहिए।
दक्षिण की दीवार पर दर्पण नहीं लगाना चाहिए। दर्पण पूर्व या उत्तर की दीवार पर होगा तो श्रेष्ठ रहेगा।घर में मकड़ी के जाले नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर राहु ग्रह से अशुभ फल प्राप्त होते हैं