देखा जाए तो हमारे हिन्दू धर्म में देवी-देवाताओं की पूजा करने का विशेष महत्व हैं। वहीं, सभी पंचदेवों में भगवान सूर्य का विशेष स्थान होता हैं। ऐसा मानना है कि भगवान सूर्य की पूजा करने से सभी तरह के फल प्राप्त हो सकते है इसलिए रोजाना सुबह-सुबह सूर्य देव को जल चढ़ाने की परम्परा है जो सदियों से चलती आ रही है। यही नहीं, भगवान सूर्य देव की आराधना करने के पीछे कुछ खास नियम भी हैं जो आज आपको वेद संसार बताने जा रहा है विस्तार से :
कहते हैं कि कभी भी भगवान सूर्य के पैरों के दर्शन नहीं करना चाहिए। बता दें कि अगर भूलकर भी आपने सूर्य देव की प्रतिमा के पैरों के दर्शन आपने कर लिए तो इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा… ऐसा क्यों है आइए हम आपको इसकी कथा के ज़रिए बताते हैं…
क्यों नहीं करने चाहिए सूर्य देवता के पैरों के दर्शन ?
पुराणिक कथाओं के अनुसार भगवान सूर्य का विवाह प्रजापति की पुत्री संज्ञा से हुआ था। सूर्य की रोशनी तेज़ होने के कारण उन्हें सामान्य आंखों से देख पाना बहुत मुश्किल होता था। इसी कारण भगवान सूर्य की पत्नी संज्ञा ने अपनी छाया को पति सूर्य देव की सेवा में छोड़, वह खुद अपने पिता के घर चली गई। वहीं कुछ समय बीत जाने के बाद जब भगवान सूर्य को इस बात की जानकारी मिली तो उन्होनें तुरंत संज्ञा को अपने पास बुलाया और उन्हें ऐसे छोड़ जाने का कारण भी पूछा… तब संज्ञा ने सारी बातें सूर्यदेव को कह डाली…
जब सूर्य ने अपनी तेज कम करने का किया निवेदन –
भगवान सूर्य को जैसे ही अपनी पत्नी की दूर रहने की बात पता चली उन्होंने तुरंत देवताओं के शिल्पकार विश्वकर्मा को बुलाया और उनसे निवेदन किया कि वह उनके तेज को थोडा कम कर दें… तब विश्वकर्मा ने एक तरकीब निकाली और चाक बनाकर उसको सूर्य पर चढ़ा दिया। विश्वकर्मा ने सूर्य के सारे शरीर का तेज कम तो कर दिया लेकिन उनके पैरों का तेज वह कम न कर सकें।
बता दें कि इसी कारण की वजह से सूर्य के पैरों का तेज सहन करना बहुत मुश्किल बना हुआ हैं और यही वजह है कि हमारे शास्त्रों में सूर्य के चरणों का दर्शन वर्जित माना जाता हैं। ध्यान रहें कि जो भी अगर भूल से भी सूर्य की चरणों के दर्शन करता है उसे पापो से मुक्ति कभी नहीं मिल पाती है, यही कारण है जिसकी वजह से कभी भी गलती से भी सूर्य की प्रतिमा के चरणों के दर्शन नहीं करना चाहिए।
यहां जानें – कैसे करें सूर्य देव की पूजा
• सबसे पहले रोजाना सुबह-सुबह स्नान करके आप सूर्य देव की पूजा अवश्य करें।
• सूर्य देव की पूजा-पाठ कर लेने के बाद उनको जल जरुर से अर्पित करें क्योंकि सूर्य को जल देने का धार्मिक व वैज्ञानिक दोनों ही महत्व है।
• आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भगवान सूर्य सिंह राशि के स्वामी होते है और ऐसी दशा में इनकी महादशा 6 सालो तक होती है। इसी कारण से इनकों खुश करने के लिए रोज़ जल चढ़ाया जाना चाहिए।
• बता दें कि भगवान सूर्य देव की आराधना तो करनी ही चाहिए और ऐसे में अगर भगवान शिव की पूजा भी की जाए तो आपको अच्छा फल जरुर से प्राप्त होगा