आखिर सिर पर पल्लू क्यों ढंका जाता है? क्या है इसके पीछे की वजह, जानिए…..

आप तो जानते ही होंगे कि प्राचीनकाल में सभी के सिर ढंके रहते थे। इसका अर्थ ये की हर प्रांत की अपनी वेशभूषा थी, जिसमें सिर पर पगडी पहनने का रिवाज था। राजस्थान, मालवा और निमाड के ग्रामीण क्षेत्रों में कई सारे लोग आज भी सिर पर साफा बांधकर रखते है।

अगर महिलाओं की बात की जाए तो वे सिर पर ओढनी या पल्लू डालकर ही रहती थी। ऐसे में वे सभी जब मंदिर जाते थे तो सिर ढंका रहता ही था। हमारी भारतीय संस्कृति की एक खास परंपरा का पालन महिलाएं काफी सालों से करती हुई नजर आती है।

वो हे सिर ढंकने की परंपरा। घर की महिलाएं अक्सर बडे बुजुर्ग के सम्मान में सिर ढंका करती है। वहीं कुछ विशेष धार्मिक स्थानों पर सिर ढंकना अनिवार्य होता है। क्योंकि कुछ लोग इसे धार्मिक सम्मान की और से देखते है तो वहीं कई लोग इसका आंकलन वैज्ञानिक दृष्टि से करते है।

आखिर सिर पर पल्लू क्यों ढंका जाता है?
मान्यता के अनुसार

बता दें कि सिर पर ढंकना एक सम्मान का प्रतीक माना गया है। मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि आप जिनका आदर करते है, उनके आगे हमेंशा से सिर ढंककर रहते है।

इसी कारण से कई महिलाएं अभी भी जब भी अपने सास-ससुर या बड़ों से मिलती हैं, तो सिर ढंक लेती हैं। यही कारण है कि जब हम मंदिर में जाते हैं, तो सिर ढंककर ही जाते हैं।

 

धर्म के अनुसार

हिन्दू धर्म के अनुसार सिर के बीचोबीच सहस्रार चक्र होता है जिसे ब्रह्म रन्ध्र भी कहते हैं। हमारे शरीर में 10 द्वार होते हैं- 2 नासिका, 2 आंख, 2 कान, 1 मुंह, 2 गुप्तांग और सिर के मध्य भाग में 10वां द्वार होता है।

दशम द्वार के माध्यम से ही परमात्मा से साक्षात्कार कर पा सकते हैं। इसीलिए पूजा के समय या मंदिर में प्रार्थना करने के समय सिर को ढंककर रखने से मन एकाग्र बना रहता है।

ये है वैज्ञानिक दृष्टिकोण

बता दें कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार आकाशीय विद्युतीय तरंगे खुले सिर वाले व्यक्तियों के भीतर प्रवेश कर क्रोध, सिर दर्द, आंखों में कमजोरी आदि के कई प्रकार के रोग को उत्पन्न करती है अगर सिर ढका रहता है तो हम कई तरह के रोगों से बच जाते हैं ।

ये है खास परंपरा

सिर ढकने की खास परम्परा को लेकर मान्यता है की जिन्‍हें आप जिन्हे श्रेष्‍ठ और आदरणीय मानते हैं उनके सामने सिर को खुला नहीं रखना। महिलाएं उनके सम्मान और आदर के लिए सिर ढका करती है।

लाइफस्टाइल बदल रहा ऐसे में जहां शहरी निवास महिलाए इस परम्परा को कम निभाती है। वही ग्रामीण महिलाएं आज भी समाज मे इस परम्परा का पालन करती है।

 

ये है फायदे

बता दें कि सिर ढकने से महिलाएं नकारात्मक ऊर्जा से खुद को बचाएं रख सकती है। सिर ढकने से नकारात्मक ऊर्जा एकदम से सिर में प्रवेश नहीं कर पाती है। कहा जाता है कि सिर के मध्‍य में एक चक्र होता है।

जब आप सिर को ढ़ककर पूजा करते हैं तो यह चक्र सक्रिय होता है। जो आपके ध्यान को केद्रित करता है। बस इस वजह से महिलाओं को सिर ढकने के फायदें भी है जिससे आप अनजान है। इससे खूबसूरती में भी चार-चांद लगता हैं।